13 February, 2022

मिस आग vs. मिस्टर पैट्रोल

अदालत की कार्यवाही शुरू की जाए,

दोनो तरफ़ के लोग अब आगे आएँ,


केस है आग और पेट्रोल का बवाल,

इनकी शादी हुई थी पिछले ही साल,


जज बोले “एक-एक करके अपनी बात बोलो”

“क्या पंगा हो गया शादी में, यह राज़ खोलो”


आग बोली - “पति छूने से पीछे हट जाते हैं”

“गलती से छू दिया, तो अचानक फ़ट जाते हैं”


“अगर पास भी नहीं आना था, तो क्यों  करी शादी?”

“अगर यही महौल रहा, तो कैसे बढ़ेगी आबादी?”


जज ने पेट्रोल से कहा “चलो अब तुम बताओ,”

“ऐसी क्या शर्म, जो इसके पास भी ना जाओ?”


पेट्रोल बोला “सर मुझको नहीं आती कोई शरम”

“बस इसके आजु-बाजू मुझे लगता है बड़ा गरम”


“जब इसको छूने से भी लगता है डर?”

“कैसे रह पाऊँगा इसके साथ एक घर?”


जज बोले “क्या गरम-गरम बकवास लगा रखी है?”

“मुझे तो देखने में लगे यह एक सामान्य स्त्री है”


 “सर मानता हूँ आपको बात लगेगी अजीब”

“पर खुद समझोगे, जब जाओगे इसके क़रीब”


जज सोच में पड़ गए, “भाई यह कैसी बात हुई?”

"पुलिस, चलो तुम बताओ, क्या तहक़ीक़ात  हुई?”


पुलिस बोली:

"आग बहुत शानदार औरत है 

खाना गरम गरम बनावत है 

बेहद्द ठंड में ठंडी भगावत है 

अंधेरे में रोशनी दिलावट है"


जज बोले "I see! एंड पेट्रोल?" 


"पेट्रोल के गुण सब गावत है 

गाड़ियाँ सबकी चलावत है  

देश की बिजली बनावत है 

और कई-कई काम करावत है"


जज सोच में पड़ गए, “यह कैसा केस?”

“दोनो बढ़िया इंसान, फिर क्यों  कलेश?”


डब्बे में आज समोसे है, जज को आया याद 

फ़िर बोले, “फ़ैसला सुनाऊँगा लंच के बाद”


समोसे खाते खाते, लंच का समय बीता, 

जज बैठे कुर्सी पर, आने वाला था नतीजा 


“तथ्यों की गहराई में जा कर मैंने सोचा”

“बात आ गई है समझ, क्या यह लोचा”


“ना आग की गलती, ना पेट्रोल की हरकत”

“यह सारा क़सूर है - इन दोनो की बनावट”


“अलग अलग तो बहुत बढ़िया इनके काम”

“लेकिन साथ मिल जाएँ, तो हो जाए भड़ाम”


“आराम से रहो साथ, बात मान लो मेरी”

“करता हूँ मै तुम दोनो को बाइज़्ज़त बरी”


फ़ैसला सुनके पेट्रोल भड़क उठे और बोले:

सर आपका बड़ा ही फ़ालतू फ़ैसला है 

यह लेडीज़ नहीं एक आफ़त की बला है 

आपने फ़ैसले में दी है इसको ढील 

मैं सुप्रीम कोर्ट में करूँगा अपील | 

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