इस lockdown का सुन लो यह दुखद किस्सा,
कामवाली तो गई, दे कर अपने कामों में हिस्सा
झाड़ू पोछा बीवी का, बर्तन करना मेरा,
दोनों की ड्यूटी शुरू, जब हो ले सवेरा
एक दिन जब sink में देखा बर्तनों का पहाड़,
"क्या घूर रहा है चश्मिश", पीछे से आई दहाड़
चलो जी शुरू करू लेके प्रभु का नाम ,
किसी तरह निपटाऊ यह वाहियात काम
पंद्रह डिग्री झुकना था, झुक पाया सिर्फ दस,
मेरा पेट बीच में फस गया, कहने लगा 'बस'
सबसे पहले आई हाथ में, सब्ज़ी की कढ़ाई,
खुरच खुरच के शुरू करी मैंने कठिन चढ़ाई
फिर हाथ आयी हाथ कुछ प्लेट, थी बेहद्द आसान,
पल में सफा, पल में दफ़ा, दो मिनट की मेहमान
अगला नंबर cooker का, जिसपे चिपकी थी दाल,
सोचा अपने सर पे दे मारु, कर दू sink को लाल ,
फिर आये मेरे प्यारे, चम्मच और कटोरी,
ज़ीरो मेहनत इनपे, करी फुल कामचोरी
अब आए काँटे, चमचे, प्याली, कढ़छी, छन्नी , छूरी ,
अकेले तो यह कुछ नहीं, मिल के कराए मेहनत पूरी
एक गिलास दो गिलास तीन गिलास, चार,
हाथ इनमें घुसते नहीं, घंटा साफ़ होंगे यार
अगले बर्तन को देखके दिल से निकली हाय ,
कौन है वह मनहूस जो गर्मी में पीता है चाय
आगे संभाल के, इस बर्तन को न आए आंच,
इधर उधर टकरा गया, तो फैल जाएगा काँच
आधा घंटा बीता, थकान होने लगी अब,
मंझे हुए खिलाड़ी ने माँझ लिया था सब,
अब धोने का टाइम आया, महसूस हुई आसानी,
मेरे साबुन में लिपटे बच्चे, अब चाह रहे थे पानी
धोते धोते पानी भर गया, फस गया था खाना,
घिन्न आई बेहद्द , मुँह सड़ा के पड़ा हटाना
कुछ देर बाद अचानक आवाज़ आई, बोली 'यह ले लो',
खून मेरा खौल गया, जब कही से प्रकट हुए गंदे बर्तन दो
किसी तरह धोए सब, ख़त्म हुआ यह काम,
कूद के लेट गया पलंग पे, पीठ पे लगाया बाम
फ़ोन उठाया हाथ में, खोली amazon की दूकान,
दिए 2000 खर्च, ख़रीदा कुछ disposable सामान
- Ksh, May 2020
You are such a witty writer!
ReplyDeleteI have fallen shorts of words... Love this one!
I hate doing the dishes and living in a joint family... Is a different ball game altogether! .
Amazing keep it up!
I cannot imagine what it is like to do dishes in a joint family. I HATE doing dishes. Every single day of this lockdown I have felt frustrated looking at the utensils ka pahaad growing up in the sink.
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